एनजीओ रजिस्टर करने की प्रक्रिया
गैर-सरकारी संगठन/गैर-लाभकारी संगठन (एनजीओ) को पंजीकृत (रजिस्ट्रेशन) करने की विभिन्न प्रक्रियाओं होती है. गैर सरकारी संगठन का पंजीकरण ट्रस्ट, सोसाइटी, गैर-लाभकारी कंपनी या किसी अन्य के रूप में पंजीकरण किया जाता है जो ट्रस्ट एक्ट, सोसाइटी एक्ट, कंपनी एक्ट या किसी अन्य अधिनियम या कानून के तहत प्रक्रिया होती है जिसका पालन करना होता है. एनजीओ अर्थात स्वयं सेवी संस्थान पंजीयन विभिन्न अधिनियमों के तहत जिनमें ट्रस्ट, सोसाइटी व गैर लाभकारी कंपनी सेक्शन 8 है जिनके तहत हो सकता है. एक गैर सरकारी संगठन को पंजीकृत करने के लिए विभिन्न प्रक्रिया और आवश्यकताएं हैं:
पंजीयन के लिए सबसे पहले एनजीओ का नाम तय करना होता है. ट्रस्ट में कोई भी नाम चल सकता है लेकिन सोसाइटी और गैर लाभकारी कंपनी में निर्धारित कार्यक्षेत्र के अनुसार पुराने पंजीकृत एनजीओ से मिलते हुए एक जैसे नाम से नए एनजीओ का नाम तय नहीं हो सकता. एनजीओ का नाम किसी सरकारी नाम या सरकारी प्राधिकरण अथवा परियोजना से मिलता जुलता नहीं हो और नाम एम्बलम एक्ट के प्रावधानों के दायरे से बाहर भी होना चाहिए.
एनजीओ के उद्देश्य तय होने चाहिए जो उसका प्रमुख भाग है. उद्देश्यों के आधार पर एनजीओ विभिन्न अपेक्षित क्षेत्रों में समाज सेवा और समाज कल्याण के कार्य कर सकता है. संस्थान जिन विशिष्ट उद्देश्यों व विशिष्ट मुद्दे पर कार्य करना चाहते हैं, तो उन्हें प्राथमिक रूप से मेमोरेंडम में पंजीकरण के समय शामिल किया जाना चाहिए. इनके अतिरिक्त अन्य सामान्य सामाजिक कल्याण और सामाजिक विकास संबंधी कार्य योजनाओं को भी उद्देश्यों में शामिल किया जान होता है.
रजिस्ट्रेशन के लिए मेमोरेंडम तैयार करना होता है. ट्रस्ट के लिए इसे ट्रस्ट डीड कहते हैं. सोसाइटी में इसे मेमोरेंडम ऑफ़ एसोसिएशन और आर्टिकल ऑफ़ एसोसिएशन कहा जाता है.
किसी भी सामाजिक संस्थान को पंजीकृत करने के लिए एक से अधिक सदस्यों की आवश्यकता होती है. किसी भी अधिनियम के प्रावधान के तहत वैध पंजीकरण के लिए सदस्य दो या उससे अधिक हो सकते हैं. रजिस्ट्रेशन के एक प्रक्रिया ट्रस्ट है जिसके तहत एनजीओ को रजिस्टर किया जाता है. ट्रस्ट में कम से कम दो सदस्यों की आवश्यकता है, तीन सदस्य रखे जाने चाहिए ताकि आने वाले समय के लिए उचित रहता है. कंपनी में भी कम से कम दो डायरेक्टर चाहिए. सोसाइटी में एनजीओ को रजिस्टर करवाने के लिए कम से कम 7 सदस्यों की आवश्यकता होती है. किसी भी पंजीयन प्रक्रिया में अधिकतम सदस्यों की संख्या की कोई सीमा नहीं है. ट्रस्ट के ट्रस्टी एवं कंपनी के डायरेक्टर को सदस्य के रूप में जाना जाता है. सोसाइटी में पंजीयन प्रक्रिया में साधारण सदस्यों के पद तय कर कार्यकारिणी तय करनी होती है जबकि ट्रस्ट की ट्रस्ट डीड में कार्यकारी के सदस्यों के नाम और उनके पद का उल्लेख करना जरुरी नहीं है. जब सोसाइटी और ट्रस्ट का पंजीयन जिन कंसल्टेंट के जरिए किया जाता है वह पहले व बाद में प्रंबंध कार्यकारिणी के गठन सञ्चालन के लिए मार्गदर्शन करते हैं. ट्रस्ट में पंजीकरण प्रक्रिया के बाद ट्रस्ट की प्रबंध कार्यकारी निकाय का गठन प्रस्ताव पारित करके किया जाता है जिसकी कंसल्टेंसी सर्विस के तहत प्रक्रिया बताई जा सकती है. स्वैच्छिक संगठन के पंजीकरण के लिए कुछ शर्तें और आवश्यकताएं हैं जिसका पालन करना आवश्यक हैं. जो एनजीओ पंजीकृत करवाना चाहता है, उसके लिए एनजीओ के लिए आवश्यकताएं लागू शर्तों और क्रिया विधि का पालन करना जरुरी होता है. विभिन्न प्रकार के अधिनियमों के तहत विभिन्न प्रकार की पंजीकरण प्रक्रियाएं लागू होती हैं. इसलिए एनजीओ को रजिस्टर करने के लिए निर्धारित प्रक्रिया होना और उसके कई पक्षों के बारे में स्पष्ट ज्ञान जरुरी है. कई बार मेमोरेंडम में कॉपी-पेस्ट की गई सामग्री आगे जाकर कुछ मामलों में समस्या पैदा कर सकती है, इसलिए पंजीकरण प्राक्रिया अनुभवी कंसल्टेंट के माध्यम से प्रस्तुत किया जाना जरुरी है.
पंजीकरण के बाद नए सदस्य जोड़ने होते है जो साधारण सभा के सदस्य होते हैं. पंजीयन के लिए सदस्यों के नाम व पते के साथ फोटो वाला पहचान पत्र देना होता है जिनमें आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस आदि शामिल है. प्रत्येक सदस्य के दो-दो फोटो लगते हैं. कुछ स्थानों पर ट्रस्ट के पंजीकरण के लिए पैन कार्ड को भी देना होता है.
एनजीओ का मेमोरेंडम तैयार करके पंजीयन कार्यालय में सदयों के हस्ताक्षर के साथ प्रस्तुत करना होता है. मेमोरेंडम में उद्देश्यों के अलावा प्रबंधन और सञ्चालन के लिए नियम उपनियम बनाकर शामिल करने होते हैं. मेमोरेंडम के नियम उपनियम आगे एनजीओ का प्रोफाइल और अनुदान की प्रक्रियाओं में उपयोगी रहते है. आप अगर अनुभवी कंसल्टेंसी की सेवा लेते हैं तो यह आपकी जरुरत और कार्य योजना के अनुसार और आवश्यक जरुरत के लागू प्रावधानों के तहत हम तैयार करते हैं. जिस रजिस्ट्रार कार्यालय में पंजीकरण के लिए मेमोरेंडम व अन्य दस्तावेज प्रस्तुत किए जाते हैं उनमें प्रक्रिया और स्थान के अनुसार मौजूदगी जरुरी होती या जरुरी नहीं भी होती है. यह हमारे कंसल्टेंट मार्गदर्शन करते हैं. किस दस्तावेज पर किसके हस्ताक्षर होंगे चाणक्य कंसल्टेंसी की सेवा लेने पर यह हमारे कंसल्टेंट बताते है जो प्रक्रिया का एक हिस्सा है. एनजीओ के पंजीकरण हेतु कार्यालय का पता प्रमाण सहित देना आवश्यक होता है.
पंजीकरण के लिए निर्धारित फीस जमा करवानी होती है. अगर आप हमारी कंसल्टेंसी सेवा लेते हैं तो फीस कौन जमा करवाएगा यह भी तय होता है. फीस भी पंजीयन प्रक्रिया और पंजीयन राज्य के अनुसार और और मेमोरेंडम में निर्धारित प्रावधानों के अनुसार राशि अलग अलग होती है. ट्रस्ट और कंपनी में फोटो आईडी के साथ दो गवाहों की भी आवश्यकता होती है.
यदि आप सिर्फ सामाजिक कार्य करना चाहते हैं तो एनजीओ को पंजीकृत करना आवश्यक नहीं है. यदि आप सामाजिक कार्य के लिए अनुदान राशि प्राप्त चाहते हैं, तो आपको एनजीओ पंजीकृत करना होगा और आपको कानूनी परामर्श व प्रक्रिया के लिए कंसल्टेंसी सेवा लेनी होगी.
यदि आप स्वयं पंजीयन करवा सकते हैं तो आपको अपने स्तर पर पंजीकरण करना होता है. लेकिन मेमोरेंडम और अन्य आवश्यक कानूनी दस्तावेजों की प्रक्रियाओं को पूरा करना होता है जिसके लिए आपको हमारे कानूनी सलाहकारों से संपर्क करना होगा.
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